जयपुर। प्रदेश के 3 जिलों में होने वाले उपचुनावों के लिए नामांकन पत्र 23 मार्च से अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू हो जायेंगे। तीनों सीट सहाड़ा, सुजानगढ़ और राजसमंद पर भाजपा-कांग्रेस अपने-अपने उम्मीदवारों के संभावित नामों पर मंथन कर अंतिम रूप देने में जुटी है।
प्रदेश की भाजपा के कब्जे वाली राजसमंद की विधायक किरण माहेश्वरी (पूर्व मंत्री) के स्वर्गवास होने के कारण सीट पर कुछ ज्यादा ही फोकस है, क्योंकि सत्तारुढ़ कांग्रेस सरकार इस सीट को भाजपा से छुड़ाने की मंशा पाले तनसुख बोहरा, महेश प्रताप सिंह, आशा पालीवाल सहित अन्य दो-एक नामों पर मंथन कर अंतिम फैसला लेने के लिए भाजपा में यहां फैली भारी गुटबाजी पर नजर गढ़ाए हैं जिससे वह परिषद स्थानीय निकाय चुनावों में अपनी हैट्रिक करके भाजपा को इस सीट से छुड़ा कर अपने खाते में जोडऩे की मशक्कत में मशगूल है।
वहीं भाजपा में भारी गुटबाजी में किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी को प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन पूर्व सांसद हरिओम सिंह राठौड़ के पुत्र कर्णवीर सिंह और गणेश पालीवाल को भी मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही में नगर परिषद चुनाव में भाजपा की हार ने इस गुटबाजी को सामने लाकर खड़ा कर दिया है जिससे श्याम पालीवाल का भी नया नाम सामने आ रहा है जिसे भाजपा का टिकिट दिया जा सकता है।
भीलवाड़ा की सहाड़ा सीट पर भाजपा के तीन नाम में बद्रीलाल जाट जो चित्तौडग़ढ़ डेयरी के चेयरमैन भी तथा रतनलाल जाट के साथ हाल ही में भाजपा में शामिल हुए। लादूलाल का नाम पार्टी की अंदरुनी सर्वे से सामने आया है जिनकी उम्र की अधिकता को दरकिनार किया गया तो उनका नम्बर लग भी सकता है।
कांग्रेस पार्टी में यहां के दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी के परिवार में राजेन्द्र या रणदीप त्रिवेदी के साथ उनकी पत्नी गायत्री देवी त्रिवेदी में से किसी एक को टिकट मिलना लगभग तय है।
सुजानगढ़ सीट पर संतोष मेघवाल पर दांव खेल सकती है क्योंकि गत चुनावों में पार्टी प्रत्याशी के सामने उन्हें भी लगभग बराबर से मत मिले थे। इसके इधर ही खेमाराम मेघवाल और बी.एल. भाटी के नामों की चर्चा भी मजबूत है। वहीं कांग्रेस इस सीट पर दिवंगत विधायक मास्टर भंवरलाल मेघवाल के पुत्र मनोज मेघवाल को ही उतारना लगभग तय कर चुकी है।
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