जयपुर। दी अजमेर अरबन कॉ-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं को भुगतान नहीं मिलने के प्रकरण में 18 मार्च को विधानसभा में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इस पर अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा कि अगली बार मंत्री जी पूरी तैयारी के साथ आएं और प्रश्नकर्ता भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल को भरोसा दिलाया कि इस सवाल को दोबारा से सूचीबद्ध करवाया जाएगा। श्रीमती भदेल जानना चाहती थी कि बैंक के जमा कर्ताओं को भुगतान कब होगा, और बैंक के बकायेदारों कौन कौन हैं। असल में सहकारिता विभाग के अधिकारी अपने मंत्री को भी गुमराह कर रहे हैं। अजमेर में नियुक्त विभाग के अधिकारी रजिस्ट्रार के आदेशों की पालना भी नहीं कर रहे हैं। हालांकि बैंक अब दिवालिया घोषित हो चुकी है। लेकिन बैंक के पास अनेक संपत्तियां हैं। जिन्हें बेचकर जमाकर्ताओं को भुगतान दिया जा सकता है। इसके साथ ही अनेक बकायादार बैंक को बकाया राशि चुकाने को तैयार हैं। लेकिन सहकारिता विभाग के अधिकारी बैंक पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। बैंक में लेनदेन का कोई काम नहीं हो रहा, लेकिन फिर भी 7 कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जा रहा है। जानकारों का मानना है कि यदि आपसी समझौता कर बकायादारों से भुगतान ले लिया जाए और बैंक की केसरगंज स्थित बिल्डिंग और वैशाली नगर स्थित भूखंड को बेच दिया जाए तो जमाकर्ताओं की राशि लौटाई जा सकती है। बैंक को करीब 6 हजार जमाकर्ताओं को 24 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। भुगतान नहीं मिलने से जमाकर्ता दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। कई जमाकर्ताओं की तो मृत्यु भी हो गई है।
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