ईश्वरी लाल साह ने खेत बेच कर स्कूल को दान कर दिया।

अपने बच्चों की सुविधाओं के लिए तो हर शख्स प्रयास करता है लेकिन जब गैरों के बच्चों के लिए कोई हदों को पार करके कुछ कर दे तो उसे ईश्वर तुल्य तो कहा ही जा सकता है। दर्जा दो तक पढ़े करुली के ईश्वरी लाल साह ने स्कूल के बच्चों के कल को बेहतर बनाने के लिए अपना खेत बेचा और उससे मिली ढाई लाख रुपये की रकम स्कूल को दान कर दी।

ईश्वरी लाल साह बकरी चराते हैं, पेट की मजबूरी है तो मजदूरी भी करते हैं। बकरी चराते हुए वह अक्सर जूनियर हाईस्कूल करुली की तरफ भी चले जाते हैं। यहां उन्होंने देखा कि बच्चे उबड़-खाबड़ जगह पर खेल रहे हैं। स्कूल में चहारदीवारी नहीं है तो कभी-कभार जानवर स्कूल की सीमा में गंदगी कर देते हैं। मन में सोचा कि स्कूल का भला कैसे हो। फिर उन्होंने तय किया कि वह विद्यालय के खेल मैदान के लिए अपना खेत बेेचेंगे।

ईश्वरी लाल की बिटिया इसी स्कूल की सातवीं की छात्रा है। ईश्वरी कहते हैं कि बच्चों को खेलते देखकर उन्हें बचपन के दिन याद आने लगते हैं। स्कूल के दिनों में उन्हें दुनिया का कुछ अता-पता नहीं था लेकिन आजकल बच्चे सब जानते हैं। ऐसे में उन्हें सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए। अपने दान को वह बहुत छोटा मानते हुए कहते हैं कि उनसे जितना बन पड़ा उन्होंने उतना किया। उनकी ओर से दान की गई राशि से अब स्कूल में मैदान और चहारदीवारी का निर्माण किया जाएगा।

विद्यार्थियों के सुलेखन के दम पर प्रदेश में स्कूल पहले से ही चर्चा में है। अब 58 वर्षीय ईश्वरी लाल साह की यह मदद शायद इस स्कूल को एक दानवीर की नजीर के रूप में देखे। स्कूल में चल रहे विकास कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी ईश्वरी लाल साह को ही दी है, ताकि राशि का सदुपयोग हो सके।

नरेंद्र गिरी गोस्वामी, प्रधानाध्यापक 

ईश्वरी लाल साह ने सराहनीय कार्य किया है। इससे पहले एक पुरातन छात्र ने भी अमस्यारी विद्यालय के विकास कार्य के लिए मदद की थी। उम्मीद है भविष्य में अन्य लोग भी ऐसे ही नेक कार्य के लिए आगे आएंगे।

जीएस सौन, सीईओ बागेश्वर।

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