
गिरीश मालवीय : दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा भ्रष्टाचार के आरोप में आज की तारीख में जेल काट रहे हैं उनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार का सीधा संबंध भारत से है…….
हम बात कर रहे हैं सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं की……गुप्ता बंधुओं की कहानी क्या है ? उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में क्या कारनामे दिखाए है ?……यह आज मॉडर्न पॉलिटिक्स ओर उसमे हो रहे फाइनेंशियल फ्रॉड को समझने के लिए एक बेहतरीन केस स्टडी है ! इस स्टोरी से आप समझ सकते हैं कि राजनीति में भ्रष्टाचार कैसे रग रग में समा गया है
जैसे मेहुल चौकसी को ढूंढा जा रहा है वैसे ही सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका की एजेंसी ने की रेड नोटिस की मांग की है
गुप्ता बंधु यानी अजय, अतुल और राजेश इन सभी का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ इनके पिता शिवकुमार की सहारनपुर में राशन की दुकानें थीं……
90 के दशक में जब दक्षिण अफ्रीका ने विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोले तो बीच वाले भाई अतुल गुप्ता को पिता शिवकुमार ने वहां भेजा. अतुल ने कंप्यूटर का कोर्स किया था. जिसने वहाँ कंप्यूटर की असेंबलिंग और मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और ब्रांडिंग शुरू की. इस कंप्यूटर व्यवसाय को उन्होंने सहारा कंप्यूटर के नाम से बाजार में उतारा.
एक ही साल में इस कम्पनी ने सफलता के झंडे गाड़ दिए 1994 में ही पिता के निधन के बाद करीब-करीब पूरा परिवार दक्षिण अफ्रीका चला गया.
माइनिंग, सोना, कोयला, हीरा, स्टील, वाहन निर्माण जैसे कई तरह के कारोबारों में गुप्ता बंधु एक के बाद एक वह कई कम्पनिया खोलते गए इनमे प्रमुख थी
-ओकबे रिसोर्स एंड एनर्जी
-टिगेटा एक्सप्लोरेशन एंड रिसोर्सेस
-शिवा यूरेनियम माइन
-वेस्टडॉन इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड
-जेआईसी माइनिंग सर्विसेज एंड ब्लैक एज एक्सप्लोरेशन
इसके अलावा उन्होंने मीडिया के व्यवसाय में भी हाथ डाल दिया इसके लिए उन्होंने दि न्यूज एज न्यूजपेपर(टीएनए मीडिया प्राइवेट लिमिटेड) ओर अफ्रीकन न्यूज नेटवर्क नाम की कम्पनिया भी खोली
ओर इस प्रकार गुप्ता परिवार साउथ अफ्रीका के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शामिल हो गया, गुप्ता परिवार ने दक्षिण अफ्रीकी राजनीतिज्ञ जैकब ज़ूमा की फंडिंग करना शुरु कर दी थी जब जैकब जुमा 2003 में दक्षिण अफ्रीका के उप राष्ट्रपति थे. तब तक गुप्ता बंधुओ से उनकी घनिष्ठता कायम हो चुकी थी जुमा राजनीतिक दल अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे जैकब जुमा की पत्नी बोंगी नगेमा को गुप्ता बंधुओं ने अपनी कम्पनी जेआइसी माइनिंग सर्विसेज में कम्युनिकेशन अधिकारी की नोकरी दे दी जुमा की बेटी दुदुजिले जुमा सहारा कंप्यूटर्स से बतौर निदेशक जुड़ गयी,
जुमा मई 2009 में राष्ट्रपति बने ओर 2010 में गुप्ता परिवार ने साउथ अफ्रीका से एक मीडिया हाउस शुरू किया और न्यू एज नाम के अखबार के ज़रिये जैकब के समर्थन में प्रचार शुरू किया. फिर 2013 में, एक न्यूज़ चैनल खोला और उसे भी जैकब के लिए एक प्लेटफॉर्म बना दिया…..यह ठीक वैसा ही है जैसे आज भारत मे रिपब्लिक टीवी , इंडिया टीवी और जी न्यूज मोदी के प्रचार प्रसार में लगे रहते हैं, हालात यहाँ तक हो गए कि गुप्ता बंधुओ को GUPTAS के बजाए ZUPTAS कहा जाने लगा
मैं कल #औली में गुप्ता बंधुओं की पारिवारिक शादी में शगुन व शुभकामनाएं देने पहुंचा। मेरे कई दोस्तों को मेरा वहां जाना खटका है। स्वभाविक है, मैं उनकी भावना को समझता हूं, उसका सम्मान करता हूं। औली जिसे स्कीईंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित व प्रचारित किया गया है.. pic.twitter.com/iS2nPR6ZPT
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) June 21, 2019
औली में गंदगी और कूड़ा फैलाने पर गुप्ता बंधुओं पर लगा 2.5 लाख रुपये का फाइन https://t.co/JFlIce28j8 pic.twitter.com/YJ8AYFt2su
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) June 30, 2019
साल 2013 में एक सरकारी स्कीम बनी जिसका मकसद था सहकारी क्षेत्र के ज़रिये उन छोटे दर्जे के ‘काले’ किसानों और पशुपालकों की मदद करना जो रंगभेद की वजह से पहले पीछे रह गए थे इस प्रोजेक्ट के लिए गुप्ता परिवार की कंपनी एस्टिना प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया गया यह बहुत बड़ी परियोजना थी इसके फार्म प्रोजेक्ट के लिए 220 मिलियन रैंड सरकार ने मंजूर किये
जब इसमे हुआ घोटाले का पर्दाफाश हुआ तो पता चला कि सरकारी मदद में से केवल 2.4 मिलियन रैंड की रकम ही प्रोजेक्ट पर असल में खर्च हुई, बाकी गुप्ताओं के खाते में चली गई.
एक लाख में 80 करोड़ की जमीन खरीदने पर सिब्बल चुप, गुप्ता बंधुओं से संबंधों पर कन्नी काटी
>>https://t.co/61xLiLQsLR #KapilSibal— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) March 30, 2018
अपने खाते में रकम की हेराफेरी करने में गुप्ता बंधुओं ने भारत की बैंक ऑफ बड़ौदा की दक्षिण अफ्रीकी शाखा का इस्तेमाल किया……. बैंक ऑफ बड़ौदा से गुप्ता परिवार ने सारे कायदों को ताक पर रखकर मनचाहा लेनदेन किया. एस्टिना को मिलने वाला लगभग पूरी सरकारी रकम साल 2016 तक गुप्ता परिवार की मुख्य कंपनी श्रेणूज़ और यूक्सोलो के खातों में ट्रांसफर हो चुकी थी. एस्टिना डेयरी फार्म परियोजना पूरी तरह विफल रही इस मामले में दक्षिण अफ्रीका की एजेंसियां के अधिकारी रवींद्रनाथ को भी खोज रही है इसी कारण से बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा को दक्षिण अफ्रीका में अपनी ब्रांच बन्द करना पड़ी
सहारनपुर वाले गुप्ता बंधुओं की अद्भुत शादी!
देखिए #SpecialReport @anjanaomkashyap के साथ
पूरा कार्यक्रम: https://t.co/da9auCPyzn pic.twitter.com/doUrhEVagr— AajTak (@aajtak) June 21, 2019
जब घोटाले की पूरी कहानी इस तरह खुली कि साउथ अफ्रीका की सरकार इसमें फंस गई. इसी साल 14 फरवरी 2018 को जैकब को इस्तीफा देना पड़ा. जैकब के इस्तीफे के बाद ही गुप्ता परिवार भी साउथ अफ्रीका से निकल गया और दुबई, भारत व अन्य देशों में भटकता रहा दो साल पहले औली उत्तराखंड में गुप्ता बंधुओ ने बड़ा विवाह समारोह आयोजित किया जिसमें देश की जानी मानी हस्तियों ने भाग लिया
जैकब जुमा पर भ्रष्टाचार के आरोप मे मुकदमा चला उन्हें सजा हुई और आज वह जेल में है……दक्षिण अफ्रीका की सरकार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता भाइयों को पूरी दुनिया मे ढूंढ रही हैं
यह लेख मूल रूप से गिरीश मालवीय के फेसबुक पेज पर प्रकाशित हुआ है।
