संगठन की गतिविधियां निवर्तमान पदाधिकारियों के भरोसे

जयपुर। प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ग्रुप की खींचतान के बाद आलाकमान की मध्यस्थ्ता के साथ कांग्रेस की राजनीति में घमासान थमने के बाद कांग्रेस पार्टी प्रदेश में पार्टी संगठन को सुदृढ़ करने किसी न किसी कारणों से फोकस नहीं कर सकी। इसी वजह से प्रदेश स्तर पर कार्यकार्यकारिणी बनने में 6 माह लगे तो जिला स्तर पर तो 9 माह बाद भी पुराने अध्यक्षों के भरोसे ही पंचायत और निकाय चुनाव लड़े और अब बिना जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों के सहारे प्रदेश के 4 विधानसभा उपचुनाव में उतरी है।

गौरतलब है कि 14 जुलाई 20 को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, सेवादल प्रदेशाध्यक्ष और यूथ कांग्रेस अध्यक्षों को हटा कर नये अध्यक्ष तत्काल बना दिये गये लेकिन इसके बाद प्रदेश कांग्रेस और सेवादल की सभी कार्यकारिणी के अध्यक्षों को हटा कर कमेटियां भंग कर दी गई। इसके बाद करीब 6 माह बाद प्रदेश कार्यकारिणी का गठन तो कर दिया गया लेकिन जिला ब्लॉक और तमाम प्रकोष्ठ व विभागों के अध्यक्ष और कमेटियों को अब भी गठन का इंतजार है।

राज्य कांग्रेस के संगठन की दृष्टि से 39 जिलाध्यक्ष और उनकी कार्यकारिण बनानी है। कांग्रेस संगठन के हर विधानसभा क्षेत्र में 2 ब्लॉक है। अभी कांग्रेस की ये हालत है कि संगठन की गतिविधियां निवर्तमान पदाधिकारियों के भरोसे से ही चलाई जा रही है, जो ज्यादा रुचि नहीं ले रहे हैं।

वहीं आज कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन दोपहर 3 बजे अपनी एक दिवसीय यात्रा पर जयपुर पहुंचे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार माकन मुख्यमंत्री से प्रदेश में होने वाले 3 उपचुनाव पर चर्चा करेंगे। इसके बाद वह प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में फीडबैक लेंगे। माकन उपचुनाव की तैयारियों के साथ संगठन की गतिविधियों का भी मंथन करेंगे।

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