नागदा .मप्र के उज्जैन जिले के औद्योगिक शहर नागदा को जिला बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कोई घोषणा नहीं की है। कमलनाथ मंत्रिमंडल में नागदा को जिला बनाने का सैद्धातिक निर्णय 18 मार्च 2020 को लिया गया था। लेकिन इस निर्णय के बाद की प्रक्रिया नही हुई । यह खुलासा विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस विधायक दिलीपसिंह गुर्जर के एक तारांकिंत प्रश्न के जवाब में राजस्व मंत्री गोविदंसिंह राजपूत ने किया। श्री गुर्जर के पहले दो सवाल थे कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्धारा 17 सितंबर 2018 को नागदा में पुराने बस स्टैंड पर हुई आमसभा में नागदा को जिला बनाने की घोषणा की थी। इसी क्रम में यह भी सवाल थाकि क्या आर्शीवाद यात्रा पर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2013 में नागदा को जिला बनाने की घोषणा की थी। यदि घोषणा की गई तो उस पर क्या कार्यवाही हुई। इन दोनो सवालों का जवाब राजस्व मंत्री नकारात्मक दिया। लेकिन इस सवाल को स्वीकार किया कि कमलनाथ मंत्रिमंडल ने 18 मार्च 2020 को नागदा को जिला बनाने के लिए निर्णय लिया था। इन सवालों के अलावा बडा सवाल यह भी पूछा गया थाकि यदि कमलनाथ सरकार ने निर्णय लिया तो उसके बाद सरकार ने प्रक्रिया को आगे बढाते हुए गजट नोटिफिकेशन कर दावे/ आपति आंमत्रित किए गए है। यदि हां तो कब किए गए। जिसका जवाब नकारात्मक आया है। खुलासा किया गया हैकि आगे की प्रकिया नहीं की गई। इसी प्रकार श्री गुर्जर ने यह भी सवाल स्वयं के द्धारा मंख्यमंत्री को दिए गए एक पत्र को आधार बनाकर किया कि दावे आपति
आंमत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र 11 नवंबर 2020 को प्रमुख सचिव राजस्व कों भेजे गए इस पत्र में कार्यवाही का निर्देश दिया था उस पर क्या कार्यवाही हुई। इस बारे में बस इतना बताया गया कि मुख्यमंत्रीकार्यालय को प्राप्त पत्र नियमानुसार कार्यवाही के लिए, अग्रेषित किया गया था । एक प्रश्न यह भी थाकि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत का पत्र दिनांक 14 अगस्त 2019 मुख्य सचिव कार्यालय की टीप क्रमांक 6695 / 2019 को प्राप्त हुआ था इस पत्र पर क्या कार्यवाही हुई। इस सवाल का यह जवाब आया कि वर्तमान में पत्र पर कार्यवाही लंबित है।