उज्जैन जिले के औद्योगिक नगर नागदा से लगभग 7 किमी दूर गांव परमारखेड़ी के समीप चंबल नदी में जहरीले पानी से सैकड़ों मछलियांे की मौत हो गई। इस घटना की बिडलाग्राम पुलिस थाने में शनिवार को शिकायत भी हुई है। मप्र प्रदूषण विभाग के उज्जैन संभागीय अधिकारी एचके तिवारी ने इस घटना की जांच कराने का आश्वास दिया है। पुलिस थाने में की गई शिकायत की प्रति गांव के जागरूक नागरिक गोपाल गुर्जर ने इस संवाददता को साझा की है।
शिकायत में आरोप हैकि नागदा में ग्रेसिम उद्योग से चंबल नदी में रसायनयुक्त पानी छोड़ने से इस प्रकार से मछलियों की मौत हुई है। चंबल नदी का पानी किसान लोग सिंचाई में भी उपयोग में लाते हैं। इस कारण स फसलों को भी नुकसान हो रहा है। पुलिस से उचित कार्यवाही की मांग की गई है। किसान गोपाल निवासी गांव परमार खे़ड़ी ने बताया मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में ग्रेसिम के प्रदूषित पानी को चंबल में मिलने से रोकने के लिए जेएलडी प्लांट का निर्माण कराया गया है। जिसके तहत एक बंूद भी पानी चंबल नदी में नहीं छोड़ा जाना चाहिए । लेकिन उसके बाद भी ग्रेसिम उद्योग से इस प्रकार का पानी छोड़ने का संदेह है जिससे सैकड़ों मछलियों की मौत हो गई है।
क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी : इस मामले में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संभागीय अधिकारी एचके तिवारी को पूरा घटनाक्रम बताने पर वे बोले इस मामले में कल ही जांच कराई जाएगी। दोष सिद्ध होने पर कार्यवाही की जाएगी।