उस दंपत्ति की इकलौती संतान वह भी बेटी, केंद्रीय राज्य मंत्री ने भेंट किया नियुक्ति पत्र

उस दंपत्ति की इकलौती संतान वह भी बेटी, केंद्रीय राज्य मंत्री ने भेंट किया नियुक्ति पत्र

नागदा। उस दंपति की वह इकलौती संतान वह भी बेटी। उस बेटी ने अपनी प्रतिभा के पुरूषार्थ का करिश्मा तो दिखाया साथ ही यह भी सिद्ध किया कि बेटियां भी अपने माता-पिता का नाम रोशन करने में पीछे नहीं है। इस बेटी ने एक कड़ी  प्रतिस्पर्धा में हजारों उम्मीदवारों  को मात देकर  आईआईटी कालेज़ मुंबई में अफसर के किरदार में कामयाब हुई। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना युवाओं के लिए सरकारी नौकरियां की सूची में इसका नाम जब शुमार हुआ तो भारत सरकार की राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के हाथों नियुक्ति पत्र पाने में भी  नाम एक इतिहास रच गया। मुबंई में इस बेटी के परिवार के लिए आज 20 जनवरी का दिन यादगार बन गया।  जब मंच  से एक छोटे से कस्बे का नाम पुकारा गया और यह बेटी मंच पर भारत सरकार की एक मंत्री के हाथों अपनी मेहनत का प्रतिफल लेने के लिए मंच पर । तब उसके चेहरे पर वह खुशी छलक रही थी, जिसकी प्रतीक्षा उसके माता-पिता को थी।

यह कहानी उज्जैन जिले  के एक छोटे से कस्बे नागदा के एक सामान्य परिवार की बेटी कुमारी तितिक्षा शुक्ला की है। तितिक्षा के पिता योगेश शुक्ला एवं माता सारिका की यह इकलौती बेटी हाल में आईआईटी कालेज मुंबई में  जूनियर सहायक  प्रशासनिक अधिकारी के पद पर चुनी गई। इस परीक्षा में हजारों प्रतिस्पर्धी ने प्रतिभागिता की. महज 22  पद की इस सूची में तितिक्षा बाजी मार गई। जैसा बताया जा रहा कालेज प्रबंधन ने इस बालिका की प्रतिभा को परख कर सुपरिडेंट की पीए की जिम्मेदारी सौपी। यह एक मात्र पद था जो तितिक्षा को नसीब हुआ।

भारत सरकार मंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र
तितिक्षा के कैरियर की शुरूआत में इसकी तकदीर ने इसके पुरूषार्थ की झोली में सब कुछ भर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी की योजना 10 लाख  सरकारी रोजगार की यह बालिका छोटे से कस्बे नागदा की पगडंडी से चलकर 20 जनवरी को मुंबई में आयोजित नियुक्ति पत्र ग्रहण समारोह की किरदार बनी। भारत सरकार वाणिज्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के हाथों तितिक्षा को नियुक्ति पत्र एक विशाल समारोह में तालियों की गड़गड़ाहट की घ्वनियों के बीच मिला।

एक सप्ताह में दौ नौकरी एक लौटाई
शहर के जाने माने शिक्षक स्वं मोहनलाल शुक्ला निवासी रानीलक्ष्मीबाई की पौती तितिक्षा को बचपन से अपने दादा के अनुशासन एवं संस्कार   का यह पुण्य प्रताप रहा कि जब इस बालिका ने एम.काम. की शिक्षा पूरी की तो दादा की विरासत की राह मिली। एक निजी स्कूल में बच्चों की तकदीर तराशने का कार्य बतौर शिक्षिका के किरदार में सामने आया। अमूमन आज की युग में नौकरियां आसानी से मिलना मुश्किल है, लेकिन तितिक्षा को दिसंबर 2022 का एक सप्ताह बड़ा रास आया। देश के जाने माने आदित्य बिडला समूह कंपनी की अल्टा सीमेंट के दी आदित्य बिडला पब्लिक स्कूल राज्यश्री नगर खेरिया खंगार (जोधपूर) राजस्थान में शिक्षिका के पद पर 12  दिसंबर को चुनी गई। वहां पर ज्वाईन किया तो उसकी तकदीर ने उसे पुकारा- अभी और कुछ उचाईयां तेरी झोली में है। ज्वाइन करने के महज चार दिन बाद 16 दिसबंर को केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट आईआईटी कालेज मुबंई में जूनियर सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद का न्योता मिला। आखिरकार राजस्थान की नौकरी में महज चार दिन कार्य के बाद मुंबई लौटाना पड़ा। तितिक्षा ने अब कालेज में पद ग्रहण कर लिया है। आज वह मंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र. लेने पहुंची  थी।

पिता सेवानिवृत, माता शिक्षिका
तितिक्षा के पिता योगेश शुक्ला ग्रेसिम उद्योग से सेवानिवृत कर्मचारी है।  माता सारिका एक निजी स्कूल में शिक्षिका है।  यह भी संयोग हैकि योगेश आरटीआई कार्यकर्ता है और उधर, बेटी तितिक्षा को कालेज सुपरिडेंट के पीए के साथ-साथ आरटीआई शाखा का प्रभार भी मिला है। तितिक्षा ने अपने जीवन की इस उत्कृष्ट उपलब्धि को अपने माता-पिता, परिजनों, परिवार के पूरोधाओं एवं गुरूजनों को समर्पित किया।  जीवन में उत्तरोतर प्रगति के लिए पुरूषार्थ के पथ पर चलने और बड़ों से आर्शीवाद की अपेक्षा भी जताई है

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